धीरूभाई अम्बानी गुजरात के एक ग्राम के शिक्षक के पुत्र थे / उनके पिता का आय कम थी और उसी मे एक बड़े परिवार का गुजारा चलता था जिसके कारण जीवन काफी कठिन था बचपन मे धीरूभाई का मन पढ़ाई की बजाय अन्य बहारी गतिविधियो मे लगता था उनकी मां चाहती
थी कि वे परिवार की आय बढ़ाएं तो उन्होंने गांव के मेले मे खाने पीने की चीजो का खोमचा लगाना शुरू कर दिया / विद्यार्थी जीवन मे राजनीति से भी कुछ जुड़ गए थे और उन्होंने जुनागढ़ के नवाब के विरूद्ध 1947 मे एक रैली का आयोजन किया / मैट्रिक की परीक्षा मे वे फेल हो गये और दुबारा मुश्किल से पास हुए पिता की बिमारी के कारण उन्हे क्लर्क की हैसियत से काम करने यमन जाना पड़ा / वे व्यापार के बारे मे जानना चाहते थे और उन्होंने एक गुजरात कम्पनी मे लेखा एंव दस्तावेज संधारण, बैंक एंव बीमा कम्पनियो से व्यापार सीखने की एवज मे मुफ्त सेवा देना स्वीकार किया /अपनी अंग्रेजी सुधारने के लिए उन्होंने देर रात तक जागकर
व्याकरण एवं निबंध का अभ्यास करना शुरू किया 1957 में वह भारत लौट आए और एक वाणिज्य कंपनी का गठन किया जिनका नाम था reliance कारपोरेशन और इसकी
अपनी एक साख बनी क्योंकि धीरुभाई ने कभी मिलावट और स्तर से नीचे की सामग्री इस्तमाल नहीं कि फिर उन्होंने धागे का व्यापार शुरु किया और जोखिम उठाकर कपड़ा उद्योग स्थापित किया जो विमल इंडस्ट्रीज के नाम से विख्यात हुआ इसके बाद तो reliance चल निकला और पेट्रो केमिकल सेल और गैस के उद्योग शुरू हुआ जो बालक गांव के मेले में खोमचा लगाकर पकौड़े बेचा करता था वह भारत का सबसे बड़ा उद्योगपति बना
थी कि वे परिवार की आय बढ़ाएं तो उन्होंने गांव के मेले मे खाने पीने की चीजो का खोमचा लगाना शुरू कर दिया / विद्यार्थी जीवन मे राजनीति से भी कुछ जुड़ गए थे और उन्होंने जुनागढ़ के नवाब के विरूद्ध 1947 मे एक रैली का आयोजन किया / मैट्रिक की परीक्षा मे वे फेल हो गये और दुबारा मुश्किल से पास हुए पिता की बिमारी के कारण उन्हे क्लर्क की हैसियत से काम करने यमन जाना पड़ा / वे व्यापार के बारे मे जानना चाहते थे और उन्होंने एक गुजरात कम्पनी मे लेखा एंव दस्तावेज संधारण, बैंक एंव बीमा कम्पनियो से व्यापार सीखने की एवज मे मुफ्त सेवा देना स्वीकार किया /अपनी अंग्रेजी सुधारने के लिए उन्होंने देर रात तक जागकर
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Mohd Hasnain From Hinglishmehelp.com ......
Aapka bahut bahut dhanewad comments karne ke liye
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